आयुर्वेद से काबू करें अस्थमा
यूं भी वातावरणीय कारकों से फैल रही एलर्जी के कारण अस्थमा के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ बदलती जीवनशैली और प्रदूषण के कारण भी अस्थमा और एलर्जी के मरीज बढ़ रहे हैं। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां और घरेलू नुस्खे इसमें काफी राहत देते हैं।
क्या होता है अस्थमा
श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इकट्ठा होने, नलियों की पेशियों के सख्त हो जाने के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे ही अस्थमा कहते हैं। अस्थमा किसी भी उम्र में यहां तक कि नवजात शिशुओं में भी हो सकता है।
लक्षण
- बार-बार होने वाली खांसी
- सांस लेते समय सीटी की आवाज
- छाती में जकड़न
- दम फूलना
- खांसी के साथ कफ न निकल पाना
- बेचैनी होना
बचाव ही सर्वोत्तम उपाय
- धूल, मिट्टी, धुआं, प्रदूषण होने पर मुंह और नाक पर कपड़ा ढ़कें। सिगरेट के धुएं से भी बचें।
- ताजा पेन्ट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल का धुआं, खुशबूदार इत्र आदि से यथासंभव बचें।
- रंगयुक्त व फ्लेवर, एसेंस, प्रिजर्वेटिव मिले हुए खाद्य पदार्थों, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से बचें।
दमा में कारगर जड़ी-बूटियां
- वासा- यह सिकुड़ी हुई श्वसन नलियों को चौंड़ा करने का काम करती है।
- कंटकारी- यह गले और फेंफड़ों में जमे हुए चिपचिपे पदार्थों को साफ करने का काम करती है।
- पुष्करमूल- एंटीहिस्टामिन की तरह काम करने के साथ एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर औषधि।
- यष्टिमधु- यह भी गले को साफ करने का काम करती है।
अस्थमा के घरेलू उपचार
- लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
- अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
- दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
- 180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।
- अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
दमा का अटैक में सावधानी
- सीधे बैठें और आराम से रहें
- तुरंत सुनिश्चित मात्रा में रिलीवर दवा लें
- पांच मिनट के लिए रुकें, फिर भी कोई सुधार न हो तो दोबारा उतनी दवा लें।