फिटकरी के चमत्कारिक फायदे
Benefits of Alum
फिटकरी को लोग सालों से काम में लेते आए हैं। फिटकरी आमतौर पर सब घरों में प्रयोग होती है, फिटकरी का इस्तमाल खासतौर से बारिश के मौसम में पानी को साफ करने के लिए किया जाता है। फिटकरी लाल व सफेद दो प्रकार की होती है। अधिकतर सफेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है।
फिटकरी के खास गुण / फिटकरी की उपयोग विधि
- जिन लोगो को शरीर से ज्यादा पसीना आने की समस्या हो तो वो लोग नहाते समय पानी में फिटकरी को घोलकर नहाने से पसीना आना कम हो जाता है।
फिटकरी के पानी से योनि को सुबह-शाम नियमित धोएं। पंसारी से संगे जराहत और फिटकरी लेकर दोनों पीस लें और इस आधा ग्राम चूर्ण की फंकी ताजे पानी के साथ या गाय के दूध के साथ सुबह, दोपहर और शाम दिन में तीन बार लें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से अवश्य लाभ होगा।
- यदि चोट या खरोंच लगकर घाव हो गया हो और उससे खून बह रहा हो घाव को फिटकरी के पानी से धोएं तथा घाव पर फिटकरी का चूर्ण बनाकर बुरकने से खून बहना बंद हो जाता है।
- फिटकरी और काली मिर्च पीसकर दांतों की जड़ों में मलने से दांतों की पीड़ा में लाभ होते है।
- सेविंग करने के बाद चेहरे पर फिटकरी लगाने से चेहरा मुलायम हो जाता है।
- आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी को शहद में मिलाकर चाटने से दमा और खांसी में बहुत लाभ मिलता है।
- भुनी हुई फिटकरी 1-1 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ लेने से खून की उल्टी बंद हो जाती है।
- दांत दर्द से बचने के लिए फिटकरी और काली मिर्च को पीसकर दांतों की जड़ों में मलने से दांतों का दर्द ठीक हो जाता है।
- फुलाई हुई फिटकरी एक तोला और मिश्री दो तोला दोनों को महीन पीसकर रख लें। एक-एक माशा नित्य सवेरे खाने से दमा के रोग में लाभ होता है।
- प्रतिदिन दोनों समय फिटकरी को गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करें ,इससे दांतों के कीड़े तथा मुंह की बदबू दूर हो जाती है ।
- डेढ़ ग्राम फिटकरी पाउडर को फांककर ऊपर से दूध पीने से चोट लगने से होने वाला दर्द दूर हो होता हैं।
- टांसिल की समस्या होने पर गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी और नमक डालकर गरारे करें। इससे टांसिल की समस्या में जल्दी ही आराम मिल जाता है।
- दस्त और पेचिश की परेशानी से बचने के लिए थोड़ी फिटकरी को बारीक पीसकर भून लें और अब इस भुनी हुई फिटकरी को गुलाब जल के साथ मिलाकर पीने से खूनी दस्त आना बंद हो जाता है।
- एक लीटर पानी में 10 ग्राम फिटकरी का चूर्ण घोल लें। इस घोल से प्रतिदिन सिर धोने से जुएं मर जाती हैं।
- दस ग्राम फिटकरी के चूर्ण में पांच ग्राम सेंधा नमक मिलाकर मंजन बना लें। इस मंजन के प्रतिदिन प्रयोग से दांतो के दर्द में आराम मिलता है ।
- भुनी हुई फिटकरी एक तोला, भुना हुआ तूतिया छह माशा, कत्छा एक तोला, इन सबको कूट पीसकर मंजन बनाकर लगाने से दांतों की पीड़ा दूर होती है और दांत मजबूत तथा सुदृढ़ होते हैं।
- कान में फुंसी हो अथवा मवाद आता हो तो एक प्याले में थोड़ी-सी फिटकरी पीसकर पानी डालकर घोलें और पिचकारी द्वारा कान धोएं।
- शहद में फिटकरी मिलाकर आंखों में डालने से आंखों की लाली समाप्त हो जाती है।
- खुजली वाली जगह को फिटकरी वाले पानी से धोएं और बाद में उस जगह पर थोड़ा-सा कड़वा तेल लगा लें। उस पर थोड़ा-सा कपूर भी डाल लें।
- एक लीटर पानी में बीस ग्राम फिटकरी को घोल के दिन में दो या तीन बार सफ़ेद पानी की शिकायत होने पर गुप्तांग को घोने से एवं एक ग्राम फिटकरी को एक पके केले में चीर भर के सात दिन खाने से आराम होता है।
- गर्भपात : पिसी हुई फिटकरी चौथाई चम्मच एक कप कच्चे दूध में डालकर लस्सी बनाकर पिलाने से गर्भपात रुक जाता है। गर्भपात के समय दर्द, रक्तस्राव हो रहा हो तो हर दो-दो घंटे से एक-एक खुराक दें।
- बांझपन : मासिक-धर्म ठीक होने पर भी यदि सन्तान न होती हो तो रूई के फाये में फिटकरी लपेटकर पानी में भिगोकर रात को सोते समय योनि में रखें। सुबह निकालने पर रूई में दूध की खुर्चन सी जमा होगी। फोया तब तक रखें, जब तक खुर्चन आती रहे। जब खुर्चन आना बंद हो जाए तो समझना चाहिए कि बांझपन रोग समाप्त हो गया है।
- योनि संकोचन : बांझपन की तरह योनि में रूई का फाया रखें तथा फिटकरी पानी में घोलकर योनि को दिन में तीन बार धोएं। इससे योनि सिकुड़कर सख्त हो जाएगी और योनि का ढीलापन समाप्त हो जाएगा। फिटकरी 30 ग्राम और 10 ग्राम माजूफल को लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इस चूर्ण को मलमल के कपड़े में डालकर पोटली बनाकर सोने से पहले रात को योनि में रखने से योनि का ढीलापन दूर होकर सिकुड़ जाती है। 2 ग्राम फिटकरी को 80 मिलीलीटर पानी में घोलकर योनि को धोने से योनि की आकृति कम यानी योनि सिकुड़ने लगती है।
- कान में चींटी चली जाने पर : कान में चींटी चली जाने पर कान में सुरसरी हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर पीने से लाभ मिलता है।