देखने में छोटा और स्वाद में कसैला आंवला हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी फल है। इसके गुणों के कारण ही इसे अमृतफल कहा गया है।
आंवले में विटामिन 'सी' की प्रचुरता होती है और इसमें संतरे से भी लगभग 20 गुना अधिक विटामिन 'सी' होता है। आंवला रक्त साफ करता है, हाजमे को दुरुस्त करता है। मानसिक विकास में सहायता देता है और शरीर को रोगों से मुक्त करता है। आंवला पीलिया, एसिडिटी और तपेदिक में भी लाभप्रद है।
अलग-अलग तरह से इसका प्रयोग करने से अलग-अलग बीमारियों में इसके प्रभाव चमत्कारिक होते हैं। एक तोला आंवले का चूर्ण रोज दूध के साथ लेने से रक्त शुद्ध होता है और त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं।
रात को सोते समय रोज आंवले का चूर्ण शहद या पानी से लेने से पेट साफ रहता है और आंखों से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है। सूखे आंवले को शुद्ध घी में तलकर पीस लें, इस चूर्ण का सिर पर लेप करने से नकसीर में लाभ मिलता है।
सूखे आंवले के चूर्ण को चमेली के तेल में मिलाकर लगाने से खुजली दूर हो जाती है। आंवले का रस उपयोग करने पर पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। आंवले को चबाने से दांत मजबूत होते हैं और इसका रस दांतों पर लगाने से पायरिया में लाभ मिलता है। भोजन को पचाने और मुंह को साफ करने के लिए आंवले के प्रभाव चमत्कारिक होते हैं।