x

Home

Astrology Consultancy

Vastu Consultancy

Astrology Books

Free Devotional Music

Free Devotional Videos

Free Devotional Books

Free Devotional Images

Free Educational Videos

Free Educational Books

Ayurvedic Tips

Yoga Tips

Temples

Tourism

Download

Paath & Poojan

Ask to Astrology Expert

Ask to Vastu Expert

Ratna (Gemstones)

Shop

Contact

×

श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Janmotsav

Share Now:

श्री हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, इसे भारत में वानर राज राम भक्त हनुमान जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। श्री हनुमंत शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक हैं, वह जादुई शक्तियों और बुरी आत्माओं को जीनते की क्षमता रखने वाले देव के रूप मे पूजे जाते हैं।
हनुमान जयंती भारत के विभिन्न क्षेत्रों मे अलग-अलग समय पर मनाया जाता है, उत्तर भारत मे यह त्यौहार मुख्य रूप से चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जयंती के दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को एक दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए।

हनुमान जयंती(जन्मोत्सव)एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है।[1] हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है।

माता अंजनी की गोद में बैठे हनुमान की पल्लव कालीन कांस्य प्रतिमा विष्णु जी के राम अवतार के बाद रावण को दिव्य शक्ति प्रदान हो गई । जिससे रावण ने अपनी मोक्ष प्राप्ति हेतु शिवजी से वरदान मांगा की उन्हें मोक्ष प्रदान करने हेतु कोई उपाय बताए। तब शिवजी ने राम के हाथों मोक्ष प्रदान करने के लिए लीला रचि। शिवजी की लीला के अनुसार उन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया ताकि रावण को मोक्ष दिलवा सके। इस कार्य में रामजी का साथ देने हेतु स्वयं शिवजी के अवतार हनुमान जी आये थे, जी की सदा के लिए अमर हो गए। रावण के वरदान के साथ साथ उसे मोक्ष भी दिलवाया।

   1 कार्यक्रम

   2 हनुमान का नामकरण

   3 इन्हें भी देखें

   4 सन्दर्भ

कार्यक्रम

हनुमान जयन्ती को लोग हनुमान मंदिर में दर्शन हेतु जाते है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है। चूँकि यह कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिंदूर और चांदी का वर्क चढाने की परम्परा[2] है। कहा जाता है राम की लम्बी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण उन्हें और उनके भक्तो को सिंदूर चढ़ाना बहूत अच्छा लगता है जिसे चोला कहते है। संध्या के समय दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर मन्त्र जाप करने को अत्यंत महत्त्व दिया जाता है। हनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड पाठ को पढना भी हनुमानजी को प्रसन्न करता है। सभी मंदिरो में इस दिन तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं हनुमान चालीसा[3] का पाठ होता है। जगह जगह भंडारे आयोजित किये जाते है। तमिलानाडु व केरल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है। वहीं कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में चैत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख महीने के 10वें दिन तक यह त्योंहार मनाया जाता है।[4]

हनुमान जयंती के अवसर पर दर्शनार्थी

सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ

हनुमान का नामकरण

इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी। इसलिये उनको हनुमान का नाम दिया गया। इसके अलावा ये अनेक नामों से प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि।

8 अप्रैल, बुधवार को भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था, जिस वजह से मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए, आज जानते हैं हनुमान जी के जन्मोत्सव में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए...

 


श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Janmotsav Videos


HANUMAAN JANMOTSAV


श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Janmotsav Photos


HANUMAAN JANMOTSAV